Classification of Plants
पादप का वर्गीकरण
Plants has been two types: - (i) Cryptogams (Plants without seed) अपुष्पोदभिद , (ii) Phanerogams (Seed bearing plant) पुष्पोदभिद
1. Cryptogamous Plants ( अपुष्पोदभिद पौधा ) : - There are no flower and seed in these types of Plants. These are classified into the following group इस वर्ग के पौधों में पुष्प तथा बीज नहीं होता है. इन्हें निम्न समूह में बांटा गया:
i. Thalophyta ( थैलोफैटा ) : - This is the largest group of the plant kingdom. The body of the plants in this group is thalus like i.e., plant are not differentiated into root, stem and leaves. There is no conducting tissue. It is divided into two groups. यह वनस्पति जगत का सबसे बड़ा समूह है.इस समूह के पौधों का शरीर सुकाय(thalus) होता है. अर्थात पौधे, जड़, तना एवं पत्ती आदि में विभक्त नहीं होते. इसमें संवहन उत्तक नहीं होता है.
(a) Algae ( शैवाल ) : - The study of algae is called Phycology. The algae normally have Chlorophyll and autotrophic mode of nutrition. Its body is thalus like. It may be unicellular, colonial or filamentous. शैवालो के अध्ययन को फाइकोलोजी कहते है. शैवाल प्रायः पर्णहरित युक्त, संवहन उत्तक रहित, आत्मपोषी होते है.इनका शरीर सुकाय सदृश होता है.
Note: An Astronaut can get protein food, water and oxygen by sowing the chlorella algae in the tank of the aircraft so chlorella is known as space algae. क्लोरेला नामक शैवाल को अंतरीक्ष यान के केबिन के हौज में उगाकर अंतरीक्ष यात्री को प्रोटीनयुक्त भोजन, जल और ऑक्सीजन प्राप्त हो सकते है.
(b) Fungi ( कवक ) : - Study of Fungi is called Mycology. Fungi is Chlorophyll less, central carrier tissue less, Thalophyta. Accumulated food in fungi remains as Glycogen. Its cell wall is made up of chitin. Fungi may creates serious diseases in plants. Most damage is caused by rust and smut. Main fungal diseases in plants are as:
White rust of Crucifer, Loose smut of wheat, Rust of wheat, early Blight of Potato, Red rot of sugarcane, Tikka diseases of groundnut, Wart diseases of Potato, Brown leaf spot of rice, Late Blight of Potato, Damping off of seedings etc. कवको के अध्ययन को माइकोलोजी कहा जाता है. कवक पर्णहरित रहित, संकेन्द्रीय, संवहन उत्तकराहित थैलोफाईट है. कवक में संचित भोजन ग्लाइकोजेन के रूप में रहता है. इनकी कोशिका भित्ति काईटिन की बनी होती है. कवक पौधों में गंभीर रोग उत्पन्न करते है. सबसे अधिक हानि रस्ट और स्मट से होती है. पौधों में कवक के द्वारा होने वाला प्रमुख रोग निम्न है- सरसों का सफ़ेद रस्ट, गेहूँ का ढीला स्मट, गेहूँ का किट्टू रोग, आलू का अंगमारी रोग, गन्ने का लाल अपक्षय, मूंगफली का टिक्का रोग, आलू का मस्सा रोग, धान की भूरी अर्ज चित्ती, आलू का पछेला अंगमारी, प्रान्कुरो का डंपिंग रोग.
ii. Bryophyta ( ब्रायोफाईटा ) : - This is the first group of land plants. In this division approximately 25000 species are included. In bryophyte there is lack of Xylem and phloem tissue. Plant body may be of thallus like and leafy erect structure as in moss. They lack true roots, stem and leaves. This community is also called Amphibian category of the plant kingdom. The moss namely Sphagnum is capable of soaking water 18 times of its own weight. Therefore, gardeners use it to protect from drying while taking the plants from one place to another. The Sphagnum moss is used as fuel. The Sphagnum moss is also used as antiseptic. यह सबसे सरल स्थलीय पौधों का समूह है. इस प्रभाग में लगभग २५००० जातियां सम्मिलित की जाती है. इसमें संवहन उत्तक अर्थात जाइलम एवं फ्लोएम का पुर्णतः अभाव होता है. इस समुदाय को वनस्पति जगत का एम्फिबिया वर्ग भी कहा जाता है. इस समुदाय के पौधे मृदा अपरदन को रोकने में सहायता प्रदान करते है. स्फेग्नम नामक मौस अपने स्वयं के भार से १८ गुना अधिक पानी सोखने की छमता रखता है. इसलिए माली इसका उपयोग पौधों को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाते समय सूखने से बचाने के लिए करते है. स्फेग्नम मौस का प्रयोग इंधन के रूप में किया जाता है. स्फेग्नम मौस का प्रयोग एंटीसेप्टिक के रूप में भी किया जाता है.
iii. Pteridophyte ( तेरिदोफ़ाएत ) : The plants of this group is mostly found in wet shady places, forests and mountains. The body of plants is differentiated into root, stem, and leaves. Stem remains as normal rhizome. Reproduction occurs by spores produced inside the sporangia. Sporangia bearing leaf of a fern is called Sorus. Gametophytic phase is short lived. The diploid zygote develop into an embryo. Gametophyte is called prothallus in pteridophytes. Plants of this community have conducting tissues. But Xylem does not contain Vessels and Phloem does not contain companion cells. इस समूह के पौधे नमी छायादार स्थानों, जंगलो एवं पहाड़ो पर अधिकता से पाए जाते है. पौधे का शरीर जड़, तना, शाखा एवं पत्तियों में विभेदित रहता है. तना साधारण राइजोम के रूप में रहता है. पौधे बीजाणु जनक होते है और जनन की क्रिया बीजाणु के द्वारा होती है. इस समुदाय के पौधों में संवहन उत्तक पूर्ण विकसित होते है. परन्तु जाइलम में वेसेल एवं फ्लोएम में सह्कोशाये नहीं होती है.
2. Phanerogamous or Floral plant ( पुष्पोदभिद या फुल वाला पौधा ) : - Plants of this group is well developed. All the plants in this group bears flowers, fruits and seeds. Plants in this group can be classified into two sub-groups- Gymnosperm and Angiosperm.
a) Gymnosperm ( न्ग्नबीजी ) : - These plants are in the forms of trees and bushes. Plant body are differentiated into root, stem and leaves. Plants are woody, perennial and tall. Plant bear naked seed. Its tap roots are well developed. Pollination takes place through air.
The longest plant of the Plant kingdom, Sequoia gigentia comes under it. Its height is 120 meters. This is also called Red Wood of California. The smallest plant is Zaimia Pygmia. Living fossils are Cycas, Ginkgo biloba and Metasequoia. Gingkgo biloba is also called Maiden hair tree. Ovule and Antherozoids of Cycas is the largest in Plant kingdom. Corolloid roof of cycas help in absorption of water and fixation of nitrogen. The pollen grains of Pinus are so much in number that later it turns into Sulphur showers. Resin is the product of coniferous tree. Best example of polyembryony is citrus. इनके पौधे वृक्ष, झाडी या आरोही के रूप में होते है. पौधे काष्ठीय, बहुवर्षी और लम्बे होते है. इनकी मुसला जड़े पूर्ण विकसित होते है. परागण की क्रिया वायु द्वारा होती है. ये मरुदभिद (Xerophytic) होते है. वनस्पति जगत का सबसे ऊँचा पौधा सिकोया सेम्परविरेंस इसी के अंतर्गत आता है. इसकी उंचाई १२० मीटर होती है. इसे कोस्ट रेडवुड ऑफ़ कैलीफोर्निया भी कहते है. सबसे छोटा अनावृतबीजी पौधा जैमिया पिग्मिया है. जीवित जीवाश्म साईंकस, जिंगो बाइलोवा एवं मेटासिकोया है. जिंगो बाइलोवा को मेडेन हेयर ट्री भी कहते है. साईंकस के बीजांड एवं नरयुग्मक पादप जगत में सवसे बड़े होते है. पाइनस के परागकण इतने तादाद में होते है की पीले बादल (Sulpher showers) बन जाते है.
b) Angiosperm (आवृतबीजी): - In the plants of this sub-group seeds are found inside the fruits. In these plants root leaves, flowers, fruits and seeds are fully developed. In the plants of this sub-group there is seed-coat in seeds. On the basis of number of Cotyledons plants are divided into two categories- Monocotyledon ( एकबीजपत्री) and Dicotyledon (द्विबीजपत्री) इस उपसमूह के पौधों में बीज फल के अन्दर होते हैं. इनके पौधों में जड़ पत्ती, फूल, फल एवं बीज सभी पूर्ण विकसित होते है. इस उपसमूह के पौधों में बीज में बीजपत्र होते है. बीजपत्रो की संख्या के आधार पर पौधों को दो वर्गो में विभाजित किया गया है- 1. एकबीजपत्री और 2. द्विबीजपत्री
Monocotyledon ( एकबीजपत्री ) : - Those plants which have only one cotyledon (बीजपत्र) in seed. एकबीजपत्री पौधे उन पौधों को कहते है, जिनके बीज में सिर्फ एकबीजपत्र होते है. इनके कुल का नाम एवं प्रमुख पौधों का नाम नीचे दिया गया है-
Name of Category कुल का नाम | Name of Main plants प्रमुख पौधों का नाम |
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Liliaceae लिलीएसी | Garlic, Onion etc. लहसुन, प्याज |
Palmae पाल्मी | Nut, Palm, Coconut, Date etc. सुपारी, ताड़, नारियल, खजूर |
Graminaeceae ग्रेमिनेसी | Wheat, Maize, Bamboo, Sugarcane, Rice, Bajra, Oat etc. गेहूँ, मक्का, बाँस, गन्ना, चावल, बाजरा, जौ |
Name of Category कुल का नाम | Name of Main plants प्रमुख पौधों का नाम |
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Cruciferae क्रुसिफेरा | Radish, Turnip, Mustard मुली, शलजम, सरसों |
Malvaceae मालवेसी | Jute, Lady's finger गुरहल, भिन्डी, कपास |
Leguminaceae लेग्युमिनोसी | Babool, Lajwanti, Ashok, Tamarind and all Pulse corps. बबूल, छुईमुई, कत्था, गुलमोहर, अशोक, कचनार, इमली तथा सभी दलहन फसल |
Composite कम्पोजिटी | Sunflower, Mariegold, Lily etc. सूरजमुखी, भृंगराज, गेंदा, कुसुम, सलाद, डहेलिया |
Rutaceae रूटेसी | Lemon, Orange etc. नींबू, चकोतरा, संतरा, मुसम्मी, बेल, कैता, कामिनी |
Cucurbitaceae कुकुरबिटेसी | Melon, Water melon, Guard bitter etc. तरबूज, खरबूज, टिंडा, कद्दू,लौकी, जीरा, ककडी, परवल, चिचिंडा, करेला |
Solanaceae सोलेनेसी | Potato, Chilli, Brinjal, Belladona, Tomato etc. आलू, मिर्च, बैगन, मकोय, धतूरा, बेलाडोना, टमाटर |
Roseceae रोजेसी | Strawberry, Apple, Almod etc. स्ट्राबेर्री, सेव, बादाम, नाशपाती |
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